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28-30 August 2024 | #Anugafoodtecindia2024

Anuga FoodTec India

ANUTEC 2023: वैश्विक गुणवत्ता मानकों में खरा उतरता भारतीय खाद्य प्रसंसकरण उद्योग

उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि जैविक कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं है


 

सुशील मिश्र

भारत का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वैश्विक बाजार में भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है। भारतीय उत्पाद वैश्विक बाजार में विश्वासनीयता के साथ आगे बढ़े इसके लिए सरकार की तरफ से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही उद्योग जगत की तरफ से भी प्रतिस्पार्धी बाजार को समझने के लिए मंच उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुंबई में शुरु हुए अनुटेक (इंटरनेशनल फूडटेक इंडिया एंड अनुफूड इंडिया 2023) में आकर उद्योग जगत के खिलाड़ी नए दौर की तकनीक, ज्ञान, योजनाओं और उत्पादों की जानकारी साझा कर रहे हैं।

खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा है कि सरकार की पहल से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को वैश्विक गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करने में मदद कर रही हैं।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना , प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। ये पहल हमारे उद्योग को वैश्विक गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करने में मदद करती हैं, जिससे संपूर्ण खाद्य प्रसंस्करण मूल्य श्रृंखला को लाभ होता है।

सरकार ने PMKSY को बनाए रखने के लिए 4,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, और हाल ही में PMKSY को अतिरिक्त 920 करोड़ रुपये का आवंटन, इस क्षेत्र की वृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

MSME मंत्रालय में संयुक्त सचिव (SME) मर्सी एपाओ ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 प्रतिशत, निर्यात में करीब 50 फीसदी और औद्योगिक उत्पादन का 45 फीसदी योगदान देते हैं। रोजगार के मामले में MSME फिलहाल दूसरे स्थान पर लेकिन 2030 तक सबसे बड़ा रोजगार सृजनकर्ता क्षेत्र बन जाएगा। एमएसएमई को विविधता लाने में सहायता के लिए 50,000 करोड़ का आत्मनिर्भर भारत कोष भी बनाया गया है।

उद्योग जगत के लोगों का कहना है कि जैविक कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं है। उद्योग को भी इन उत्पादों की गुणवत्ता और मानक में सुधार पर काम करना चाहिए। हर देश के मानक अलग अलग है जिसको ध्यान में रखकर उत्पाद तैयार करने होगे।

जैविक खाद्य खंड एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हमें इसपर काम करने की जरूरत है। वैश्विक बाजार लगभग 135 अरब डॉलर का है जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 70 करोड़ डॉलर है। इसमें बहुत गुंजाइश है। हम इस क्षेत्र पर ध्यान लगा रहे हैं। इन वस्तुओं के भारतीय मानकों को बढ़ावा देने और आयात कर रहे देशों के मानकों का अनुपालन करने की जरूरत है।

उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की देश के कुल खाद्य बाजार में 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारत का उभरता हुआ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र वर्ष 2024 तक 90 लाख नौकरियां पैदा करने के साथ महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए तैयार है। इस क्षेत्र का निर्यात में 13 प्रतिशत और औद्योगिक निवेश में छह प्रतिशत योगदान है। 1.3 अरब डॉलर के बाजार आकार के साथ भारतीय खाद्य क्षेत्र सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

तीन दिवसीय अनुटेक इंटरनेशनल फूडटेक इंडिया में ब्राजील, फिलिपीन, तुर्की, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान के विशेष मंडपों के साथ 28 से अधिक देशों की 800 से अधिक कंपनियों की भागीदारी देखी गई


Press Coverage By:Hindi.business-standard.com